हम चैन की नींद इसलिए सोते हैं क्योंकि देश की सुरक्षा करने के लिए हमारे जवान सीमाओं पर जाग रहे हैं। हमारी सीमाएं रेगिस्तान, पहाड़ों, जंगलों, नदी-नालों और समंदर से घिरी हुई हैं। इन जगहों पर रहने की कल्पना मात्र से हम सिहर उठते हैं। लेकिन, बीएसएफ के जवान तपती धूप, बरसात और हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच भी इन जगहों पर मुस्तैदी से अपने फर्ज को अंजाम देते हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बीएसएफ के जवानों के समर्पण को सलाम करने के लिए हमारी पेशकश 'जागते रहो….वतन के प्रहरी' से जुड़िए।
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